ख़्वाबों की, सर्द हवा तुम तक आए, ये जरुरी नहीं... ख़्वाबों की, सर्द हवा तुम तक आए, ये जरुरी नहीं...
पाप और पुण्य...। पाप और पुण्य...।
प्रेम पूर्ण है... प्रेम पूर्ण है...
वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका! वक़्त को ना पकड़ सका कोई वक़्त को ना थाम सका!
कि नियति क्या होगी यही हमारी हैवानियत होगी क्या यूँ ही तारी। कि नियति क्या होगी यही हमारी हैवानियत होगी क्या यूँ ही तारी।
आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है। आज के इस दौर को शब्दों पर चरितार्थ करने की एक छोटी सी कोशिश की है।